ब्रितानी कोर्ट: अनिल अंबानी ने लंदन की कोर्ट में कहा- दिवालिया हूं

कभी दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में शुमार किए जाने वाले रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के कंगाल होने के तर्कों को खारिज करते हुए ब्रिटेन की एक अदालत ने उन्हें 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 715 करोड़ रुपये जमा करवाने का निर्देश दिया है। रिलायंस ग्रुप ने संकेत दिया है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। चीन के तीन बैंकों ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को अनिल अंबानी की निजी गारंटी पर वर्ष 2012 में 925 मिलियन डॉलर यानी 6475 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जो उन्हें वापस नहीं मिला है।

इन बैंकों ने अपील की थी कि अनिल अंबानी को तय शर्त के मुताबिक बकाया 680 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4,690 करोड़ की रकम कोर्ट में जमा करवाने का निर्देश दिया जाए। हालांकि, जज डेविड वाक्समैन ने तय किया अनिल अंबानी को छह सप्ताह के भी अदालत में 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 715 करोड़ रुपये जमा करवाना होगा। जज ने अनिल अंबानी के वकीलों के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि भारत में उनकी शुद्ध संपत्ति शू्न्य हो गई है और परिवार भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आएगा।

जज ने दिवालिया होने के तर्क को नहीं माना

जज वाक्समैन ने कहा, ‘अंबानी मुझे इस मसले पर संतुष्ट करने में विफल रहे हैं कि वह कुछ भी भुगतान करने में असमर्थ हैं। वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि व्यक्तिगत रूप से दिवालिया हो चुके हैं। क्या उन्होंने भारत में दिवालिया आवेदन किया है?’ इसके जवाब में अनिल अंबानी के वकीलों की टीम में शामिल हरीश साल्वे ने कहा- नहीं।

अनिल अंबानी के वकीलों ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘अंबानी का नेटवर्थ 2012 से लगतार नीचे आ रहा है। भारत सरकार की स्पेक्ट्रम देने की नीति में बदलाव से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में नाटकीय बदलाव आया है। वर्ष 2012 में अंबानी का निवेश सात अरब डॉलर से अधिक का था। आज यह 8.9 करोड़ डॉलर रह गया है। यदि उनकी देनदारियों को जोड़ा जाए, तो यह शून्य पर आ जाएगा।’

बैंक के वकील ने अंबानी के विलासपूर्ण जीवनशैली का जिक्र किया

हालांकि, बैंकों के वकील ने अंबानी के इस दावे पर सवाल उठाते हुए उनकी विलासपूर्ण जीवनशैली का जिक्र किया। बैंकों के वकीलों ने कहा कि अंबानी के पास 11 या अधिक लग्जरी कारें, एक प्राइवेट जेट, एक याट और दक्षिण मुंबई में एक सी-विंड पेंटहाउस है। इसके अलावा बैंकों के वकीलों ने कई ऐसे उदाहरण दिए जब उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें संकट से बाहर निकलने में मदद की।

अनिल अंबानी के वकीलों ने कोर्ट में यह स्थापित करने का प्रयास किया कि उनके मुवक्किल के पास अपनी मां कोकिला, पत्नी टीना अंबानी और पुत्रों अनमोल और अंशुल की संपत्तियों और शेयरों तक कोई पहुंच नहीं है। बैंकों के वकीलों ने जवाब में कहा कि क्या हम गंभीरता से यह मान सकते हैं कि संकट के समय उनकी मां, पत्नी और बेटे उनकी मदद नहीं करेंगे। वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति माने जाते हैं और वह फोर्ब्स की सूची में दुनिया के 13वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनका अनुमानित नेटवर्थ 55 से 57 अरब डॉलर है।

इस फैसले का असर दूसरी कंपनियों पर नहीं

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा, ‘अंबानी ब्रिटिश कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहे हैं और इससे राहत पर अपील के लिए कानूनी सलाह लेंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले का असर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, रिलायंस पावर लिमिटेज और रिलायंस कैपिटल लिमिटेड पर नहीं पड़ेगा। दूसरी तरफ कर्ज देने वाले बैंकों- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड (आईसीबीसी), चाइना डिवेलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना- ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

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