राजनाथ सिंह: द्रास में युद्ध स्मारक पर नायकों को दी श्रद्धाजंलि

नई दिल्ली. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज अपने दूसरे जम्‍मू कश्‍मीर दौरे पर हैं. रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद ये उनकी पहली जम्मू यात्रा है. इससे पहले तीन जून को वो कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र गए थे. राजनाथ सिंह ‘कारगिल विजय दिवस’ के अवसर पर आज कारगिल का दौरा करेंगे.

राजनाथ सिंह भारत के सैन्य अभियान ‘‘आपरेशन विजय’’ की 20 वीं वर्षगांठ पर द्रास में करगिल युद्ध स्मारक में शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि दी. इस दौरान श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेना और प्रशासन के आला अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.

एक दिवसीय दौरे पर आ रहे रक्षामंत्री कारगिल शहीदों को नमन करने के साथ जम्मू कश्मीर के सुरक्षा हालात का जायजा भी लेंगे. राजनाथ सिंह कारिगल युद्ध स्मारक में श्रद्धांजलि देने के बाद कठुआ जिले में एक किलोमीटर लंबा और सांबा जिले में बसंतर में सीमा सड़क संगठन के बनाए गए पुलों का उद्घाटन करेंगे.

इसके बाद राजनाथ सिंह जम्मू जाएंगे और वहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. बतौर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहली बार जम्मू पहुंचेंगे. इससे पहले उन्होंने लद्दाख का दौरा किया था. राजनाथ सिंह ने यहां सियाचिन ग्लेशियर जाकर सेना की टुकड़ियों से भी मुलाकात की.

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में विजय मशाल प्रज्जवलित कर इसे जम्मू-कश्मीर में करगिल युद्ध स्मारक के लिए रवाना किया था. राजनाथ सिंह ने इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचकर अनंत ज्योति से विजय मशाल को प्रज्जवलित कर उसे रवाना किया. इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.

विजय मशाल राजपथ से होते हुए पहले राष्ट्रपति भवन के प्रांगण तक जाती है और फिर वहां से उसे 11 शहरों और कस्बों से होते हुए 26 जुलाई को द्रास ले जाया जाता है. जिसके बाद 27 जुलाई को देशभर में कई बड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे.

जानकारी हो कि कारगिल युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर 3 जुलाई से 26 जुलाई के बीच लड़ा गया था. इस युद्ध में भारत के 522 जवान शहीद हुए थे.

इनमें 26 अफसर, 23 जेसीओ और 473 जवान शामिल थे. घायल सैनिकों की तादाद 1363 थी. युद्ध में पाकिस्तान के 453 सैनिक मारे गए थे.

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