LIVE: स्पीकर के नोटिस पर स्टे, पायलट खेमे को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच पायलट गुट की याचिका पर हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. सचिन पायलट और 19 बागी विधायकों का भविष्य का होगा, ये हाईकोर्ट के इसी फैसले पर निर्भर करेगा.

राजस्थान के बर्खास्त उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 बागी विधायकों की रिट याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के नोटिस पर स्टे लगा दिया है। इसका मतलब है कि अगले आदेश तक पायलट गुट की सदस्यता को कोई खतरा नहीं है। इसके अलावा इसके अलावा राजस्थान कोर्ट ने सचिन पायलट, बागी विधायकों की ओर से अयोग्यता के मुद्दे पर दायर याचिका में भारत सरकार को पक्षकार बनाए जाने की मांग भी स्वीकार कर ली है।

फ्रीडम ऑफ स्पीच को आधार बनाते हुए सचिन पायलट  की ओर से दायर याचिका को कोर्ट ने सही माना है। सचिन पायलट और उनके गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से 14 जुलाई को जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान स्पीकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के हाईकोर्ट के आदेश देने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन उसने कहा कि यह व्यवस्था विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका पर आने वाले निर्णय के दायरे में आएगी।

वहीं सचिन पायलट और अन्य विधायकों ने प्रतिवादियों की सूची में केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए गुरुवार को अदालत में एक अर्जी दी। यह अर्जी इस आधार पर दाखिल की गई कि चूंकि संविधान की दसवीं अनुसूची की वैधता को चुनौती दी गई है, इसलिए अब इसमें केंद्र को पक्ष बनाना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट में भी इसी तरह की अर्जी दी गयी, जहां राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने एक याचिका दाखिल की है। पायलट और कांग्रेस के बागी विधायकों ने गत शुक्रवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी। राजस्थान उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ इस पर सुनवाई कर रही है और इसमें जिरह हुई। मामले में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई और मंगलवार को जिरह हुई।

पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस विधायी दल की दो बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की। इसके बाद इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया गया।  हालांकि पायलट खेमे का कहना है कि पार्टी का व्हिप विधानसभा सत्र के चलने के दौरान ही लागू होता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

 

पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे  और शेयर करें

आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें यूट्यूब और   पर फॉलो लाइक करें

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts