नई दिल्ली जेएनयू: फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन

नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी और ड्रेस कोड के विरोध में 15 दिन से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए सुबह से ही परिसर में पुलिस मौजूद थी। जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई का गेट बंद कर दिया गया था। यहां दीक्षांत समारोह हो रहा था, जिसमें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद थे।

छात्रों के प्रदर्शन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल कार्यक्रम स्थल से शाम तक बाहर नहीं निकल पाए। अधिकारियों के मुताबिक, जेएनयू के छात्रों का प्रदर्शन जारी है। इसके चलते मंत्री पोखरियाल ने मंत्रालय के पूर्व निर्धारित इवेंट रद्द कर दिए हैं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प जारी है।

छात्र ‘दिल्ली पुलिस गो बैक’ जैसे नारे लगा रहे थे

जेएनयू परिसर के उत्तर और पश्चिम द्वार के बाहर बैरिकेड्स लगाए गए थे। साथ ही एआईसीटीई सभागार और जेएनयू के बीच बाबा बालकनाथ मार्ग पर, ट्रैफिक सिग्नल के पास, फ्लाईओवर के नीचे और कार्यक्रम स्थल के पास स्थित मार्ग पर बैरीकेडिंग की गई थी। छात्रों ने बैरिकेड तोड़ दिया और सुबह करीब 11.30 बजे कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ने का प्रयास करने लगे। प्रदर्शनकारियों में से कुछ को हिरासत में लिया गया है। छात्र हाथों में तख्तियां लेकर ‘दिल्ली पुलिस गो बैक’ जैसे नारे लगा रहे थे। कुलपति एम जगदीश कुमार को ‘चोर’ कह रहे थे।

छात्र मानव संसाधन विकास मंत्री से मिले

जेएनयूएसयू के छात्रसंघ पोखरियाल से मिले। उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा। हालांकि, छात्र वीसी से मिलने के लिए नारा लगा रहे थे। घोष ने कहा कि आज हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है। हमने बैरिकेड को तोड़ा, दीक्षांत समारोह स्थल पर पहुंचे और मंत्री से मिले। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि हम एकजुट थे। यह हमारे आंदोलन का अंत नहीं है। हमने एचआरडी मंत्री से वीसी को छात्रों के साथ बातचीत करने के लिए कहने का आग्रह किया।

जेएनयू में 40% छात्र गरीब परिवारों से आते हैं- छात्र

छात्रों के अनुसार, वे हॉस्टल मैनुअल, पार्थसारथी चट्टानों पर प्रवेश और छात्रसंघ कार्यालय पर ताला लगाने के के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैनुअल में शुल्क वृद्धि और ड्रेस कोड जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं। हम 15 दिन से विरोध कर रहे हैं, लेकिन कुलपति हमसे बात करने को तैयार नहीं हैं। यहां लगभग 40% छात्र गरीब परिवारों से आते हैं। हॉस्टल की फीस 6 से 7 हजार बढ़ाई गई है। गरीब छात्र यहां कैसे पढ़ सकेगा।

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