नई दिल्ली: जेएनयू में छात्र नेता रहीं शेहला का कश्मीर में अत्याचार का आरोप, आर्मी ने दावा खारिज किया

शेहला राशिद ने 10 ट्वीट कर में कश्मीर में हालात खराब होने के आरोप लगाए
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने शेहला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, गिरफ्तारी की मांग
जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर हैं शेहला राशिद, 2015-16 में छात्र संघ की उपाध्यक्ष थीं

नई दिल्ली. जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर और कश्मीरी नेता शेहला राशिद ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लोगों पर अत्याचार से जुड़ी बातें लिखीं। उन्होंने ट्विटर पर भारतीय सेना और केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार 10 ट्वीट किए। इसके बाद सेना ने शेहला के सभी दावों को खारिज करते हुए फेक न्यूज बताया। दूसरी ओर, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई। उनकी मांग है कि सेना के खिलाफ झूठी और बेबुनियाद बातें फैलाने को लेकर शेहला को गिरफ्तार किया जाए।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शेहला ने अपने ट्विटर हैंडल पर जम्मू-कश्मीर के हालात और भारतीय सेना से जुड़ी बातें लिखी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर घाटी में मौजूदा हालात बहुत खराब हैं। घरों में घुसकर सुरक्षाबल बच्चों पर जुल्म कर रहे हैं और पूछताछ के बहाने नौजवानों को घंटों तक हिरासत में रखा जा रहा है।

फेक न्यूज से लोगों को भड़काया जा रहा: आर्मी
भारतीय सेना ने शेहला राशिद के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। सेना ने कहा है कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। कुछ असामाजिक तत्व और संगठन नफरत भरी झूठी खबरें फैलाकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

कौन हैं शेहला राशिद?
शेहला राशिद जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर हैं। 2015-16 में यूनिवर्सिटी के छात्र संघ की उपाध्यक्ष बनी थीं। इसी साल मार्च में शाह फैसल की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट से जुड़ गई थीं। शाह फैसल पूर्व आईएएस हैं, जिन्होंने नौकरी छोड़कर अपनी पार्टी बनाई है।

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