सोनिया गांधी का PM मोदी पर निशाना

सोनिया गांधी ने कहा, ‘वे चाहते हैं कि गांधी जी नहीं आरएसएस देश का प्रतीक बन जाए. जो असत्य पर आधारित राजनीति कर रहे हैं कि गांधी जी सत्य के पुजारी थे. हर हाल में सत्ता पर काबिज होने वाले क्या समझेंगे कि गांधी की सहिष्णुता क्या थी.’

नई दिल्लीः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जंयती के अवसर पर कांग्रेस पार्टी ने आज दिल्ली में ‘गांधी संदेश यात्रा’ निकाली. इस अवसर पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्य सभा सांसद अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद और पीसी चाको समेत दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कमेटी के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इस दौरा सोनिया गांधी ने कहा, ‘हम सब के लिए ऐतिहासिक शुभ दिन है, आज के दिन महात्मा गांधी जैसे पुरूष का जन्म हुआ, पूरी दुनिया को अहिंसा का प्रेरणा दिया. हम उन्हें बार बार नमन करते हैं. हमारा देश और पूरी दुनिया 150 वीं जयंती मना रही है. गर्व है कि भारत जहां पहुंचा है वो गांधी जी के रास्ते पर चल कर पहुंचा है.’

आसान है, लेकिन उनके रास्ते पर चलना आसान नहीं है. वे चाहते हैं कि गांधी जी नहीं आरएसएस देश का प्रतीक बन जाए. जो असत्य पर आधारित राजनीति कर रहे हैं कि गांधी जी सत्य के पुजारी थे. हर हाल में सत्ता पर काबिज होने वाले क्या समझेंगे कि गांधी की सहिष्णुता क्या थी. हमारे मुल्क के बुनियाद में गांधी के उसूलों की आधारशिला है. ये अलग बात है कि कुछ इसे उल्टा करने की कोशिश कर रहे हैं.’

सोनिया गांधी ने कहा ‘साफ करना चाहती हूं कि गांधी जी की सोच देश की मिला जुला समाज, संस्कृति, सभ्यता के अलावा कुछ नहीं थी. जो असत्य पर राजनीति कर रहे हैं, वो कैसे समझेंगे. गांधी जी अहिंसा के उपासक थे. गांधी जी के स्वराज का मलतब कैसे समझेंगे. भारत का भाग्य विधाता समझने वालों को विनम्रता से कहना चाहती हूं. मैं कहना चाहती हूं कि गांधी जी के सिद्धांतों पर कांग्रेस पार्टी ही चली थी और आगे भी चलेगी. नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक सभी ने नए भारत के लिए काम किया है. पिछले 4-5 सालों में जो भारत की हालत हो गई है, उससे गांधीजी की आत्मा भी दुखी होगी.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘गांव तो छोड़िए, शहर के लोग भी सुरक्षित नहीं है, उन पर अत्याचार करने वाले प्रभावशाली लोग आराम फरमा रहे हैं. जिन पर जुल्म हो रहा है, वो जेलों में डाले जा रहे हैं. अपने को भारत का भाग्य विधाता समझने वालों को कहना चाहती हूं कि गांधी जी नफरत के नहीं, प्रेम के प्रतीक हैं. कोई कुछ भी दिखावा करे, कांग्रेसी गांधी जी के सिद्धांतों पर चले हैं. कांग्रेस के लोगों से कहूंगी कि भारत के मूल को बचाने, संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा के लिए, सामाजिक ताने-बाने को जिंदा रखने के लिए, हम सभी को एक-एक दिन गांधी जी की तरह गांव-गांव, गली-गली जाना है.’

उन्होंने कहा कि भारत की गरिमा, आपसी सौहार्द हर कीमत पर बचाने के लिए हमें संकल्प लेना हैं. संघर्ष कितना भी लंबा हो, साथ साथ चलेंगे, जब तक कामयाब नहीं हो जाते है.

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