फोर्टिस के बाद BLK हॉस्पिटल में लापरवाही, नहीं बच सकी जान, बिल19 लाख रुपये

प्राइवेट अस्पतालों द्वारा इलाज के नाम पर लोगों से मनमाना कीमत वसुलने का एक और मामला सामने आया है. दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने आई बच्ची की जान तो नहीं बच सकी, लेकिन अस्पताल ने बच्ची के परिजनों को 19 लाख रुपये का बिल जरूर पकड़ा दिया.

इतना ही नहीं अस्पताल ने बिल चुकाने तक बच्ची का शव भी परिजनों को नहीं सौंपा. मामला दिल्ली के सुपर स्पेशिएलिटी BLK हॉस्पिटल का है. जानकारी के मुताबिक, ग्वालियर के रहने वाले नीरज गर्ग अपनी बच्ची को बोन ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली के BLK हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था.

बच्ची को 31 अक्टूबर, 2017 को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लेकिन अस्पताल में ही इलाज के दौरान बच्ची को संक्रमण हो गया. संक्रमण के चलते बच्ची को हॉस्पिटल के ICU में रखना पड़ा. बच्ची का अस्पताल में पूरे 25 दिन तक इलाज चला, लेकिन डॉक्टर बच्ची की जान नहीं बचा सके.

बच्ची को 22 नवंबर को ICU में भर्ती किया गया था और तीन दिन बाद 25 नवंबर को उसकी मौत हो गई. बच्ची का इलाज सफलता पूर्वक न करने के बावजूद अस्पताल ने परिजनों को लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया.

अस्पताल ने परिजनों को करीब 19 लाख रुपये का बिल पकड़ाया. साथ ही अस्पताल ने तब तक परिजनों को बच्ची का शव नहीं सौंपा, जब तक परिजनों ने बिल की पूरी रकम अदा नहीं कर दी.

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