राजसमंद मर्डर: आरोपी को बताया जा रहा हीरो

राजस्थान के राजसमंद में लव जिहाद के नाम पर एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या करने वाले को एक व्हाट्सऐप ग्रुप पर हीरो बताया जा रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि यह व्हाट्सऐप ग्रुप एक स्थानीय BJP नेता ने बनाया है. इस व्हाट्सऐप ग्रुप से BJP के कई कद्दावर नेता और प्रशासनिक अधिकारी भी जुड़े हुए हैं. लेकिन किसी भी BJP नेता ने इस तरह की उन्मादी बातें करने वालों को एक जवाब तक नहीं दिया है.

इस बीच पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि आरोपी शंभूलाल के पक्ष में वायरल हो रहे वीडियो और लिखी गई सामग्री की भी जांच की जाएगी और जो कोई भी यह काम कर रहा है, उस पर भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा. ज्ञात हो कि शंभूलाल को कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.

दरअसल स्थानीय BJP नेता प्रेम माली ने ‘स्वच्छ राजसमंद, स्वच्छ भारत’ नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया हुआ है. इस व्हाट्सऐप ग्रुप से राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री किरण माहेश्वरी, सांसद हरिओम सिंह राठोड़, राजसमंद नगर परिषद के सभापति सुरेश पालीवाल सहित BJP के कई नेता और कई जिलास्तरीय प्रशासनिक अधिकारी जुड़े हुए हैं.

प्रेम माली द्वारा बनाए गए इसी व्हाट्सऐप ग्रुप पर इंसानियत को शर्मसार करने वाले कृत्य को अंजाम देने वाले शंभूलाल के समर्थन में मैसेज किए जा रहे हैं और सांप्रदायिकता भड़काने वाले संदेश भेजे जा रहे हैं. इतना ही नहीं शंभूलाल की रिहाई की मांग करते हुए उसका केस लड़ने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से 500 रुपये का चंदा इकट्ठा करने का आह्वान भी किया गया है.

इसी तरह एक सदस्य ने लव जिहादियों से सावधान रहने और शंभूलाल के समर्थन वाला मैसेज भेजा है. एक व्यक्ति ने तो शंभूलाल का केस लड़ने के लिए राज्य के प्रख्यात वकील सुखदेव सिंह की सेवा लेने तक का सुझाव दे दिया है. इस व्हाट्सऐप ग्रुप पर लगातार इस तरह के मैसेज भेजे जा रहे हैं, लेकिन न तो एडमिन ने और न ही किसी अन्य सदस्य ने उन्हें ऐसे मैसेज भेजने से रोकने की कोशिश की.

इस संबंध में जब व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने वाले प्रेम माली से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह ग्रुप हमने भारत सरकार के स्वच्छता अभियान को लोगों तक पहुंचाने के लिए बनाया है. यहां जो घटना हुई थी उसके बाद यहां इंटरनेट बंद कर दिया गया था. लेकिन ग्रुप से जुड़े कुछ लोगों ने नेटवर्क एरिया में जाकर इस ग्रुप में गलत संदेश भेज दिए. जब इंटरनेट शुरू हुआ और मैंने वे मैसेज देखे तो उन सारे मैसेजेस को डिलीट कर दिया और इस तरह के संदेश भेजने वाले असामाजिक तत्वों को ग्रुप से रिमूव कर दिया.

लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस तरह के संदेश भेजने वाले लोगों को कोई जवाब क्यों नहीं दिया गया. उन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गई. क्या ग्रुप से जुड़े BJP नेता भी यही चाहते थे. किसी के खिलाफ ग्रुप के किसी सदस्य ने रिपोर्ट क्यों नहीं लिखवाई. इससे साफ लग रहा है कि कुछ ऐसे लोग हैं जो इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं.

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