दिल्ली हिंसा: 37 किसान नेताओं पर केस दर्ज, लुक आउट नोटिस जारी करने की तैयारी

नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस बड़े कार्रवाई की तैयारी में नजर आ रही है। जानकारी के मुताबिक हिंसा के बाद जिन नेताओं के खिलाफ केस दर्ज हैं उनके खिलाफ लुकआउट नोटिसजारी होगा साथ ही पुलिस उनके पासपोर्ट भी जब्त कर सकती है।

दिल्ली हिंसा को लेकर कल दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को तलब करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह की दो बड़ी बैठक की और दिल्ली पुलिस को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। कल रात गृह मंत्री ने रिव्यू मीटिंग में सुरक्षा के इंतजाम की जानकारी ली, जबकि आज सुबह दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और कानून व्यवस्था कायम करने के इंतजाम पर बैठक की। जिसके बाद हिंसा के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, उनका पासपोर्ट जप्त और उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने के निर्देश जारी किए गए। बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद यह नोटिस जारी किया गया है ताकि आरोपी किसान नेता फरार न हो सके और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

आपको बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन में है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में अब तक 37 किसान नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कर की है। राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव, दर्शन पाल सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और सतनाम सिंह पन्नू समेत 37 किसान नेताओं पर केस दर्ज हुआ है। जिसमें से किसान नेता दर्शन पाल सिंह को दिल्ली पुलिस ने नोटिस भी भेजा है।

पुलिस ने नोटिस में दर्शनपाल से एग्रीमेंट तोड़ हंगामा मचाने को लेकर लीगल एक्शन पर तीन दिनों में जवाब मांगा है। दिल्ली पुलिस ने कुछ किसान नेताओ को पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है साथ ही किसानों से भी कहा कि वो 26 जनवरी की घटना को लेकर कोई जानकारी देना चाहते है तो दे सकते है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ UAPA और देशद्रोह की धाराओं में केस दर्ज किया है। सिख फॉर जस्टिस पर लोगों को भड़काने का आरोप है।

इससे एक दिन पहले अमित शाह ने सुरक्षा हालात और शहर में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की थी। गृह मंत्रालय ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा, हंगामे और तोड़-फोड़ आदि की पृष्ठभूमि में गृहमंत्री ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की थी। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और गृह मंत्रालय तथा दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था। राष्ट्रीय राजधानी में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में शाह को जानकारी दी गई थी।

दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकलने को लेकर किसानों संगठनों ने नियम शर्तों का उल्लंघन किया, इस हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों के द्वारा की गई हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से कुछ का अस्पताल में इलाज चल रहा है और कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में भी भर्ती हैं। पुलिस ने अब तक 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि किसान संगठनों को गणतंत्र दिवस के दिन रैली को टालने के लिए निरंतर समझाया गया और इसके लिए उनके साथ पांच दौर की बातचीत भी की गई। रैली के लिए कुछ नियम और शर्तों पर सहमति और लिखित आश्वासन देने बाद अनुमति दी गई लेकिन किसान संगठनों ने अपने वायदे को पूरा नहीं किया। यहां तक की कुछ किसान नेताओं शांति बनाकर रैली निकलने की बजाय भड़काऊ भाषण दिये और हिंसा के लिए उकसाया। पुलिस आयुक्त ने कहा कि किसानों की आक्रमता के बावजूद पुलिस ने अधिकतम संयम का परिचय दिया और जिम्मेदारी के साथ काम किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

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