मोदी ट्रंप की मित्रता: भारतीय-अमेरिकियों को ट्रंप की ओर खींच रहे हैं

अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार में कोरोना महामारी, नस्लवाद, बेरोजगारी जैसे मुद्दों के साथ ही मोदी फैक्टर भी हावी हो रहा है। चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी से पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन मैदान में हैं। ट्रंप चुनाव प्रचार में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को लुभाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी दोस्ती को भुनाने में लगे हैं। 
ताजा चुनावी सर्वे में ट्रंप को मोदी से दोस्ती का फायदा मिलता भी दिख रहा है। ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान में लगे एक दल के सर्वे में दावा किया गया है कि भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं का रुझान डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में ज्यादा है। सर्वे के अनुसार ट्रंप को बाइडेन की तुलना में भारतीय-अमेरिकियों के ज्यादा वोट मिलने के आसार हैं। इसका मुख्य कारण ट्रंप और मोदी की दोस्ती है। 

भारतीय-अमेरिकी ट्रंप के समर्थन में : सर्वे 
ट्रंप विक्ट्री इंडियन अमेरिकन फाइनेंस कमेटी के सह-अध्यक्ष अल मेसन के सर्वे के अनुसार, संभावित भारतीय अमेरिकी मतदाताओं में से कम से कम 50 प्रतिशत, जिन्होंने पिछले चुनावों में डेमोक्रेट उम्मीदवार को वोट दिए थे, वे इस बार ट्रंप का साथ देंगे। सर्वे में ऐसे 12 फैक्टर बताए गए हैं, जिनके आधार पर ट्रंप भारतीय अमेरिकियों की पसंद बने हुए हैं।

ट्रंप की ओर झुकाव के 12 कारण : 
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोस्ती और भारत से मजबूत द्विपक्षीय संबंध
– मोदी-ट्रंप की जोड़ी वैश्विक स्तर पर चीन को किनारे करने में सक्षम
– डेमोक्रेटिक नेताओं के विपरीत भारत के आंतरिक मामलों में दखल न देना
– जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद जैसे मामलों में भारत का साथ देना
– भारत का समर्थन करना और चीन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का भरोसा
– ट्रंप की गैरमौजूदगी में चीन के भारत से युद्ध शुरू करने की आशंका
– वैश्विक मंच पर भारत का दर्जा ऊंचा करने में ट्रंप का स्पष्ट नजरिया
– चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ ट्रंप का कड़ा रूख
– युद्ध के बजाय शांतिपूर्वक विवाद निपटाने की कोशिश करना
– चीन के खिलाफ अलग-अलग जगह मोर्चेबंदी करना
– कोविड-19 महामारी से पहले तक अमेरिका में आर्थिक पुनरुद्धार के प्रयास
– कोरोना महामारी से उचित तरीके से निपटना और सहयोग देना

चुनाव हारा भी तो चुपचाप नहीं हटूंगा : 
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को संभावित चुनावी नतीजों को लेकर एक पत्रकार के सवाल पर कहा कि कोई सत्ता हस्तांतरण नहीं होगा। यही सरकार रहेगी। अगर कुछ गड़बड़ हुई तो सर्वोच्च अदालत जाएंगे। ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि चुनाव के नतीजे अमेरिकी सर्वोच्च अदालत तक जाएंगे, क्योंकि उन्हें डाक मतदान पर शक है। ट्रंप ने नए न्यायाधीश की नियुक्ति का बचाव करते हुए कहा, मुझे लगता है कि चुनाव अदालत में जाकर खत्म होगा। इसलिए, वहां नौ न्यायाधीशों का होना बहुत आवश्यक है। ये अच्छा है कि चुनाव से पहले ऐसा कर दिया जाए, क्योंकि डेमोक्रेट्स जो घोटाला कर रहे हैं वह अमेरिकी सर्वोच्च अदालत के सामने होगा।

ट्रंप ने फिर मेल-इन-बैलेट पर चिंता जताई : 
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर ‘मेल-इन-बैलेट’ यानी ईमेल या डाक के जरिये मतदान के सुरक्षित होने को लेकर संदेह व्यक्त किया है। ट्रंप ने कहा, मैं ईमेल के जरिये मतदान को लेकर लगातार शिकायत कर रहा हूं और यह अनर्थ है। उन्होंने कहा, मेल से होने वाले मतदान में धोखाधड़ी आसान है। मैं इस पर आपत्ति उठा रहा हूं।

सत्ता हस्तांतरण की प्रतिबद्धता से इनकार :
ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद हार की स्थिति में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को लेकर प्रतिबद्धता जताने से इनकार कर दिया है। चुनाव के नतीजों के बाद सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को लेकर किए गए सवाल पर ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, हम देखेंगे कि क्या होता है। राष्ट्रपति ने कहा, हम ईमेल या डाक मतदान की व्यवस्था से छुटकारा चाहते हैं। सब शांतिपूर्ण रहेगा। सत्ता का कोई हस्तांतरण नहीं होगा। सच कहूं तो यही सरकार बरकरार रहेगी।

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