आर्थिक वृद्धि 2018 में 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद

सिंगापुर: वैश्विक निवेश बैंक नोमुरा ने 2018 में भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान व्यक्त किया है. उसने कहा है कि अर्थव्यवस्था चक्रीय सुधार के मुहाने पर है. भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2017 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी थी जो तीसरी तिमाही में सुधरकर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गयी. नोमुरा ने पूर्वानुमान व्यक्त किया कि चौथी तिमाही में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहेगी, जबकि पूरे साल के लिए यह 6.2 प्रतिशत रहेगी जो 2018 में बेहतर होकर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी. नोमुरा ने एशियाई आर्थिक परिदृश्य 2018 में कहा, ‘‘हम भारत के वृहद आर्थिक परिदृश्य को लेकर सकारात्मक बने हुए हैं.’’

भारत की अर्थव्यवस्था की गति में चक्रीय सुधार की संभावना है. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली की एक ताजा रपट के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 के 6.4 प्रतिशत की तुलना में 2018 में 7.5 प्रतिशत और 2019 में 7.7 प्रतिशत तक जाने की संभावना है. मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक कंपनियों के लाभ और बैलेंस शीट में बुनियादी सुधार हो रहा है. इससे वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी तथा निवेश के लिए ऋण मांग की जरूरत पूरी करने में सक्षम होगी.

रपट में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि ये सभी बाते 2018 में आर्थिक गति में का मार्ग प्रशस्त करेंगी और वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर इस साल के 6.4 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. वर्ष 2019 में वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना है.” रपट के अनुसार नोटबंदी और जीएसटी के कार्यान्वयन में तात्कालिक समस्याओं के बाद अब मांग सुधार रही है. इससे निजी पूंजीगत व्यय में सुधार होने की संभावनाओं को लेकर मॉर्गन स्टेनली आश्वस्त है. इसके अतिरिक्त, खपत और निर्यात में तेजी आ रही है और जिसकी वजह से कंपनियों के राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है.

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