मुंबई: सायरस मिस्त्री दोबारा टाटा सन्स के चेयरमैन बनने के इच्छुक नहीं

मुंबई. सायरस मिस्त्री (51) का दोबारा टाटा सन्स के चेयरमैन बनने का मन नहीं है। इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी। टाटा सन्स के बोर्ड ने 2016 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। इस मामले में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 18 दिसंबर को मिस्त्री के पक्ष में फैसला देते हुए उनकी फिर से बहाली के आदेश दिए थे।

टाटा सन्स को अपील के लिए 4 हफ्ते का वक्त मिला है

अपीलेट ट्रिब्यूनल ने टाटा सन्स को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी बनाने का फैसला पलटने के आदेश भी दिए हैं। टाटा सन्स को अपील के लिए 4 हफ्ते का वक्त मिला है। पिछले साल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने टाटा सन्स के पक्ष में फैसला देते हुए मिस्त्री की दलीलें खारिज की थीं। मिस्त्री ने फैसले को अपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी।

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने ट्रिब्यूनल के फैसले से गैर-कानूनी शब्द हटाने की अपील की

टाटा सन्स-मिस्त्री मामले में सोमवार को नया मोड़ आया। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले से गैरकानूनी (इलीगल) शब्द हटाने की अपील की है। ट्रिब्यूनल ने टाटा सन्स को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के लिए आरओसी की मंजूरी के फैसले को गैर-कानूनी बताया था।

मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स के 18.4% शेयर

2012 में रतन टाटा के रिटायर होने के बाद मिस्त्री टाटा सन्स के छठे और सबसे युवा चेयरमैन बने थे। सायरस पलोंजी मिस्त्री के बेटे हैं। सायरस के दादा शपूरजी पलोंजी ने 1930 में पहली बार टाटा सन्स के शेयर खरीदे थे। मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स के 18.4% शेयर हैं।

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