नई दिल्ली: सावधान ! पोटाश मिला दूध तो नहीं पी रहे आप?

बाजार में बिकने वाले पैक्ड दूध में कलेक्शन सेंटरों पर पोटाश (हाइड्रोजन पराक्साइड) मिलाया जाता है जो दूध को खराब होने से बचाता है. इस तरह का दूध आपके पाचनतंत्र को खराब कर सकता है.

नई दिल्ली. खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए लोग दूध का सेवन करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आप जो पैक्ड दूध (Packaged milk) बाजार से आप सेहत ठीक रखन के लिए खरीदते हैं वही आपके पाचनतंत्र (Digestive System) को खराब कर सकता है.

एक जांच में सामने आया है कि बाजार में बिकने वाले पैक्ड दूध में कलेक्शन सेंटरों पर पोटाश (हाइड्रोजन पराक्साइड) मिलाया जाता है जो दूध को खराब होने से बचाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि दूध में मिलाया जाने वाला पोटाश आपके पाचनतंत्र को बिगाड़ सकता है.

दूध खराब न हो इसलिए मिलाते हैं पोटाश

लखनऊ में एक दूध कलेक्शन सेंटर में कार्रवाई में शामिल वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी (SFO) ने बताया कि कलेक्शन सेंटरों पर छह घंटे पहले तक ठेकेदार अलग-अलग जगहों से दूध मंगाकर इकट्ठा करते हैं. सेंटर पहुंचने से पहले दूध खराब न हो इसके लिए दूध में पोटाश मिलाते हैं, जो दूध को लैक्टोबैसिलेस बैक्टीरिया से खराब होने से बचाता है.

ठेकेदार दूध में इतनी मात्रा में पोटाश मिलाते हैं कि पैकेजिंग प्लांट में होने वाली जांच के पहले तक वह क्षार बनकर दूध में घुल जाए और मिलावट का पता न चले.

विशेषज्ञ भी मानते हैं कि एफएसडीए पैकजिंग यूनिट और दूधियों की ओर से घरों में पहुंचाए जा रहे दूध में पोटाश की मिलावट को निश्चित समय बाद पकड़ पाना मुश्किल होता है.

दूध में पोटाश और पानी मिलाने के अलावा भी मुनाफाखोर इसमें सिंथेटिक दूध (Synthetic milk) मिलाने से परहेज नहीं करते. यह सिंथेटिक दूध स्वास्थ के लिए बहुत ही हानिकारक है. इसे ग्लूकोज, रिफाइंड आयल, कार्बोनेट (खाने का सोडा), फार्मलीन, यूरिया, डिटरजेंट पाउडर केमिकल के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है.

बाजार में दूध की बढ़ती मांग और कम उत्पादन के कारण मुनाफाखोरों ने इसे फायदे का धंधा बना लिया है. एफएसडीए (FSDA) के एक अधिकारी ने बताया कि सिंथेटिक दूध की सप्लाई के मामले आगरा, हरियाणा व दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से सामने आ चुके हैं.

ऐसे जांचें दूध की शुद्धता
दूध का अपना घनत्व होता है. इस कारण शुद्ध दूध में उंगली डालने पर वह चिपका रहेगा, जबकि पानी मिला दूध ऐसा नहीं करेगा. अगर आपको फार्मोलीन की मिलावट की जांच करनी है तो दूध को गर्म कर इसमें रैजोलिक एसिड डालें. इस पर दूध का रंग लाल हो तो समझें दूध मिलावटी है.

इसके अलावा शुद्ध दूध सूती कपड़े पर गिरने के कुछ सेकंड बाद छनकर नीचे गिर जाएगा. पानी मिला दूध कपड़े पर डालते ही सीधे छनकर गिरेगा.

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