New Delhi:  तेलंगाना में बोले PM- कांग्रेस का इतिहास भी दलितों से, पिछड़ों से नफरत का रहा

Telangana Assembly Elections 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सार्वजनिक रैली में कहा कि मैं मादिगा समुदाय के लोगों से कहूंगा कि आपको जितना BRS से सतर्क रहना है उतना ही कांग्रेस से सावधान रहना है

New Delhi:  Telangana Assembly Elections 2023:  देश के पांच राज्यों ( राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना ) में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल काफी गर्म है. क्योंकि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को अगली साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है. ऐसे में यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बना हुआ है. इसके साथ ही क्षेत्रीय दल भी अपने-अपने वोटबैंक और क्षेत्रीय मुद्दों के आधार पर अपनी ताल ठोक रहे हैं. इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शनिवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक चुनावी सभा को संबोधित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सार्वजनिक रैली में कहा कि मैं मादिगा समुदाय के लोगों से कहूंगा कि आपको जितना BRS से सतर्क रहना है उतना ही कांग्रेस से सावधान रहना है. BRS दलित विरोधी और कांग्रेस भी इसमें कम नहीं है. BRS ने नए संविधान की मांग करके बाबा साहब का अपमान किया और कांग्रेस का इतिहास भी कुछ ऐसा ही है… कांग्रेस के कारण ही दशकों तक बाबा साहब को भारत रत्न नहीं दिया गया. पीएम नरेंद्र मोदी ने एक सार्वजनिक रैली में कहा कि आजादी के बाद आपने देश में कई सरकारें देखी हैं, हमारी सरकार ऐसी है जिसकी सर्वोच्च प्राथमिकता गरीब कल्याण, वंचितों को वरीयता देना है, भाजपा जिस मंत्र पर चलती है वह सबका साथ, सबका विकास,  सबका विश्वास और सबका प्रयास है.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि BRS की तरह ही कांग्रेस का इतिहास भी दलितों से, पिछड़ों से नफरत का रहा है। इसका एक बड़ा उदाहरण बाबू जगजीवन राम थे, जिन्हें कांग्रेस के अपमान का सामना करना पड़ा.  जब बीजेपी ने रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया, तो कांग्रेस ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी और जब वे राष्ट्रपति बने तो भी कांग्रेस ने उनका तिरस्कार किया. जब बीजेपी ने एक महिला को भारत का पहला आदिवासी राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा, तो कांग्रेस ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का भी विरोध किया.  जब दलित सरकारी अफसर हीरालाल सामरिया को चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर बनाया गया, तो कांग्रेस ने उनका शपथ समारोह का भी विरोध किया. कांग्रेस नहीं चाहती थी एक दलित अफसर इतना बड़ा सरकारी पद पर जाए.

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