चंद्रयान-2: 2.1 किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से संपर्क टूटा, आंकड़ों का अध्ययन जारी

चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, देश आप पर गर्व करता है, सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करें, हौसला रखें। यह आपकी कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, आपने बहुत उत्तम सेवा की है, मैं पूरी तरह आपके साथ हूं। ये क्षण हौसला रखने का है, और हम हौसला रखेंगे। हमें उम्मीद है और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में हम कठिन परिश्रम करना जारी रखेंगे।

लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। ‘विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग और ‘फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं।

इस बारे में जानकारी देते हुए इसरो चेयरमैन के. सिवन ने कहा, ”लैंडर ‘विक्रम’ को चंद्रमा की सतह पर लाने की प्रक्रिया सामान्य देखी गई, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया, 2.1 किलोमीटर की दूरी तक सबकुछ सामान्य था. डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है.” ISRO की तरफ से मीडिया सेंटर को भी जानकारी दी गई है. ISRO ने अपने बयान में कहा है कि ”जो प्रेस कॉन्फ्रेस होनी थी वो रद्द कर दी गई है. इसरो चेयरमैन के बयान को दोहराते हुए कहा गया कि 2.1 किलोमीटर पहले लैंडर से संपर्क टूटा. डाटा का अध्ययन अभी जारी है.

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