चीन सरकार: के खिलाफ जनता का फूट रहा गुस्सा

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में इस महीने चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच में हुई झड़प के बाद ड्रैगन अपने ही देश में घिरता जा रहा है। चीन ने घटना में मारे गए कई सैनिकों के नाम अभी तक उजागर नहीं किए हैं, जिसको लेकर उसे सैनिकों के परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।

अमेरिका की ब्रेइटबार्ट न्यूज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के फैसले की वजह से सैनिकों के परिजन काफी परेशान हैं। वह लगातार सोशल मीडिया पर अपने जवानों को लेकर सवाल पूछ रहे हैं, जिन्हें शांत करा पाने में चीनी सरकार नाकाम हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों के बाद कई सैनिकों के परिजनों ने चीन की सोशल मीडिया साइट्स वीबो और अन्य पर शी जिनपिंग की सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वह लगातार सरकार से कह रहे हैं कि चीनी सरकार सैनिकों के नाम बताए, जो घटना में मारे गए।

15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके अलावा चीन के 40 से ज्यादा सैनिक भी मारे गए, लेकिन ड्रैगन ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया। हालांकि, चीन ने कुछ कमांडरों के मारे जाने की बात जरूर स्वीकार की थी।

झड़प के बाद चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ ने जरूर माना था कि उनके देश के कई सैनिकों को भारत ने मार गिराया है। उन्होंने ट्वीट किया था कि जहां तक मुझे जानकारी है, चीनी पक्ष के सैनिक भी घटना में हताहत हुए हैं।

 

मई में शुरू हुआ था सीमा पर विवाद

भारत और चीन के बीच मई महीने की शुरुआत में सीमा को लेकर विवाद शुरू हुआ था। पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब खराब हो गई थी, जब पांच मई को पेगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था, जिसमें दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। यह घटना अगले दिन भी जारी रही। इसके बाद दोनों पक्ष ‘अलग’ हुए, लेकिन गतिरोध जारी रहा।

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