भूकंप के झटकों से हिला नेपाल-रिक्टर स्केल पर मापी गई 3.4

कोरोना संकट के दहशत के बीच नेपाल में भूकंप आया है। नेपाल के भक्तपुर जिले के अनंतलिंगेश्वर इलाके में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नेपाल के अनंतलिंगेश्वर के पास सुबह करीब 8:14 मिनट पर  3.4 की तीव्रता वाला भूकंप आया। अब तक इस भूकंप के झटके से किसी जान-माल को नुकसान की खबर नहीं मिली है। बता दें कि इससे पहले 15 मई को दिल्ली में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। 

लॉकडाउन में दिल्ली में चार बार भूकंप आ चुका है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार यानी 15 मई को दोपहर 11 बजकर 28 मिनट पर कम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.2 मापी गई है। भूकंप का केंद्र उत्तरी दिल्ली के पीतमपुरा में था। यह भूकंप आठ किलोमीटर की गहराई में आया।

इससे पहले 10 मई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौसम बदलने के बाद भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। उस दिन दिल्ली के कई इलाकों में आंधी-तूफान ने दस्तक दी थी। दिल्ली में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई थी। भूकंप के झटके के बाद कुछ इलाकों में लोग भी अपने घरों से बाहर आ गए

कोरोना संकट के बाद से जब से लॉकडाउन लागू हुआ तब से दिल्लीवाले चौथी बार भूकंप के झटके महसूस कर चुके हैं। इससे पहले दिल्ली अप्रैल महीने में बैक टू बैक दो भूकंप का गवाह बना था। 13 अप्रैल को 3.5 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसकी गहराई दिल्ली एनसीआर में 8 किलोमीटर थी। ठीक उसी के अगले दिन यानी 14 अप्रैल को भी कम तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई थी।

भूकंप आए तो क्या करें

भूकंप के दौरान मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में अगर आप मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। इसके बाद खुले मैदान की ओर भागें।भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं होती। भूकंप आने की स्थिति में किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों। अगर आप ऐसी बिल्डिंग में हैं, जहां लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल करना ही उचित होता है।

भूकंप के दौरान घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें। इसके अलावा घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं। भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है।

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