लद्दाख में LAC: चीन राजदूत बोले- विरोधी नहीं-दोनों देश

उन्होंने कहा कि चीन और भारत को प्रतिद्वंद्वियों के बजाय भागीदार होना चाहिए। हम एक दूसरे को धमकी देने के बजाय विकास के अवसर प्रदान करने चाहिए

नई दिल्ली. लद्दाख में LAC पर तनाव कुछ कम हुआ है। दोनों देशों की सेनाएं अपनी टकराव वाले स्थानों से पीछे हटी हैं। इस बीच भारत में चीन के राजदूत Sun Weidong ने दोनों देशों के रिश्तों पर टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दोनों मुल्कों के रिश्तों को ट्रैक पर लाने के लिए आम सहमति लागू की जानी चाहिए और मतभेदों को सही से संभालना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चीन और भारत को प्रतिद्वंद्वियों के बजाय भागीदार होना चाहिए। हम एक दूसरे को धमकी देने के बजाय विकास के अवसर प्रदान करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि केवल सकारात्मक, खुले और समावेशी रवैये के साथ एक-दूसरे को देखने से हम स्थिर और दीर्घकालिक संबंध सुनिश्चित कर सकते हैं और रणनीतिक miscalculation से बच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि चीन और भारत को टकराव के बजाय शांति की जरूरत है। टकराव की स्थिति में सहयोग का लाभ दोनों को ही होता है। मतभेदों से विवादों में वृद्धि से बचना चाहिए। हमारे पास मतभेदों को ठीक से हल करने और संघर्ष के जाल में न पड़ने के लिए ज्ञान और क्षमता है।

चीनी राजदूत ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि भारत और चीन को नुकसान के बजाय ऐसा सहयोग बढ़ाने की जरूरत है, जिसमें दोनों का फायदा हो। खुलेपन और सहयोग से हमें प्रारंभिक तिथि में COVID19 और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद मिल सकती है। चीन और भारत को संदेह की बजाय भरोसा बनाने की जरूरत है। इसके लिए पारस्परिक सम्मान और समर्थन सुनिश्चित तरीका है। संदेह और घर्षण गलत मार्ग है। हमें आपसी सम्मान की आवश्यकता है, एक दूसरे के साथ समान व्यवहार करें, खुले और समावेशी बनें।

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