कुछ ऐसा रहा है 25 सालों का हिसाब, क्या ‘विराट सेना’ बदल पाएगी इतिहास

नई दिल्ली: जनवरी 2018 में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर पहुंच चुकी है, जहां उसे 3 टेस्ट, 6 वनडे और 3 टी-20 मुकाबलों की सीरीज जीतनी है. विराट कोहली की टीम ने बेशक इस साल बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका का दौरा भारत के लिए हमेशा ही मुश्किल रहा है. क्रिकेट के जानकार इस दौरे को टीम का सबसे अहम दौरा मान रहे हैं, क्योंकि इसी से साबित होगा कि विराट एंड कंपनी में कितना दम है. इस दौरे पर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के सामने नई चुनौती है, क्योंकि भारत ने पिछले 25 साल में दक्षिण अफ्रीका में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है, जिसकी शुरुआत 1992 से हुई.

लगातार 9 टेस्ट सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली और उनकी टीम का आत्मविश्वास और हौसले बुलंद हैं. हालांकि, भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में आज तक कोई सीरीज नहीं जीत सकी है. दक्षिण अफ्रीका की बाउंसी पिचों पर भारतीय बल्लेबाज हमेशा संघर्ष करते दिखाई पड़े हैं. ऐसे में यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि, क्या यह टीम 5 जनवरी से शुरू हो रहे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 टेस्ट मैच की सीरीज जीतने की क्षमता रखती है?

1992-93 का पहला दौरा: नेल्सन मंडेला के जेल से रिहा होने के बाद दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद खत्म हो गया था. भारतीय टीम का अफ्रीका में जोरदार स्वागत किया गया. टीम इंडिया को वहां 4टेस्ट और 7 वन डे की सीरीज खेलनी थी. भारत तीसरे टेस्ट में पोर्ट एलिजाबेथ मैदान पर हार गया और इस इकलौती हार के चलते भारत को सीरीज गंवानी पड़ी. लेकिन वन डे में भारत को 5-2 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. मोहम्मद अजहरुद्दी ने नेतृत्व में टीम इंडिया कभी भी दक्षिण अफ्रीका के पेसरों को सहज ढंग से खेलती दिखाई नहीं पड़ी. सीरीज की पहली ही गेंद पर कपिल देव ने जिसी कुक को आउट किया था. प्रवीण आमरे ने डर्बन में डेब्यू मैच में ही शतक लगाया. और सचिन तेंदुलकर टीवी अंपायर द्वारा आउट होने वाले पहले खिलाड़ी बने. केपलर वेसल्स  पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने दूसरे देश के लिए खेलते हुए शतक बनाया. इससे पहले वह आस्ट्रेलिया की तरफ से खेल चुके थे. तीसरे टेस्ट में कपिल देव की 129 रनों की पारी भी भारत को हार से नहीं बचा पाई और भारत टेस्ट सीरीज हार गया.

1996-97: सचिन तेंदुलकर के नेतृत्व में भारतीय टीम दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका पहुंची. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज को सफारी का नाम दिया गया था. डरबन की बाउंसी पिच पर पहला टेस्ट शुरू हुआ. भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 235 रनों पर आउट कर दिया था. लेकिन भारतीय टीम 100 रनों पर ढेर हो गई. और दूसरी पारी में भारत केवल 66 रनों पर आउट हो गया. अगला टेस्ट भी भारत सचिन तेंदुलकर और अजहरुद्दीन के शानदार प्रयासों के बावजूद हार गया. भारत राहुल द्रविड़ के प्रयासों से तीसरा टेस्ट जीत के करीब पहुंच गया था, लेकिन जीत नहीं सका. इसके बाद त्रिकोणीय सीरीज शुरू हुई जिसमें भारत और दक्षिण अफ्रीका के अलावा जिंबाब्वे भी था. दक्षिण अफ्रीका ने राउंड रोबिन के सभी मैच जीते. भारत एनआरआर के आधार पर फाइनल में पहुंचा लेकिन हार गया.

2001-02 का दक्षिण अफ्रीका दौरा: सौरव गांगुली के नेतृत्व में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका पहुंची थी. नवंबर 2001 मे. भारत ने टेस्ट सीरीज 1-0 से गंवाई. पहले टेस्ट में सचिन तेंदुलकर और डेब्यू कर रहे वीरेंद्र सहवाग ने शानदार पारियां खेलीं. लेकिन अंत में भारत टेस्ट मैच हार गया. पोर्ट एलिजाबेथ में खेला गया दूसरा टेस्ट ड्रॉ कराने में भारत सफल रहा. इस मैच में ज्यादा अपील करने पर भारत के छह खिलाड़ियों को निलंबित कर दिया गया था. सचिन को बॉल से छेड़छा़ड़ करने के लिए निलंबित किया गया था. मैच रेफ्री ने यह मैच स्थगित कर दिया.

2006-07 का दक्षिण अफ्रीका दौरा: भारत ने इस सीरीज के पहले टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को 123 रनों से हराकर जश्न मनाया. टीम के कप्तान इस बार राहुल द्रविड़ थे. श्रीसंत ने इस मैच में दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 84 रनों पर ढेर करने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने 40 रन देकर 5 विकेट लिए. वह ‘मैन ऑफ द मैच’ चुने गए. यह अफ्रीकी जमीन पर भारत की पहली जीत थी. लेकिन अगले दोनों टेस्ट में भारत पराजित हो गया और सीरीज जीत गया. पांच मैचों की वन डे सीरीज भी दक्षिण अफ्रीका ने 4-0 से जीत ली. लेकिन एकमात्र टी-20 मैच में भारत 6 विकेट से विजयी हुई. यह भारत द्वारा खेला गया पहला टी-20 मैच था.

2010-11 का अफ्रीकी दौरा: महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में यह भारत का सबसे सफल दौरा था. भारत ने क्रिकेट के तीनों फोरमेट में दक्षिण अफ्रीका का जबरदस्त टक्कर दी. भारत 2-1 से लीड लेने के बावजूद वन डे सीरीज हार गया. लेकिन उसने टी-20 में में दक्षिण अफ्रीका को परास्त किया. सेंचुरियन में भारत ने पहला टेस्ट एक पारी से हारा, लेकिन अगले टेस्ट में भारत ने जबरदस्त वापसी की. वीवी एस लक्षमण और जहीर खान के प्रयासों से भारत यह मैच जीत गया. पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका 131रनों पर ढेर हो गया था. भारत ने तीसरा टेस्ट ड्रॉ कराकर सीरीज 1-1 से ड्रॉ करा दी. यह भारत की बड़ी कामयाबी थी.

2013-14 की सीरीजः यह एक अन्य सीरीज थी जिसमें भारत चमक दिखाने के बावजूद सीरीज नहीं जीत सका. भारत ने 3 मैचों की वन डे सीरीज से शुरूआत की. यह सीरीज भारत 2-0 से हार गया. इस सीरीज में क्विंटन डिकॉक ने तीनों मैचों में शतक लगाया. लेकिन भारत ने पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया. विराट कोहली और चेतेश्व पुजारा ने शतक लगाए, लेकिन डुपलिसिस और एबी डीविलियर्स ने भारत की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. अगला टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका ने जीत कर सीरीज अपने नाम कर ली.

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