किस आटे की रोटी सबसे अधिक पोषक तत्वों से युक्त होती है और क्यों?

भोजन इतिहासकारों ने रोटी का प्रारंभ 5000 वर्ष पूर्व सिंधु घाटी की सभ्यता से माना है। रोटी भारतीय भोजन का प्रमुख अंग है। रोटी के बिना भोजन अधूरा समझा गया है। रोटी या चपाती गुणों की खान है साबुत गेहूं के आटे की रोटी, सिलेनियम, विटामिन ई व रेशे से सम्पन्न होती है जो दिल की बीमारी व कैंसर के खतरों को कम करती हैं।

क्या आप रोटियां खाना पसंद करते हैं किन्तु वजन बढ़ने से डरते हैं? आइए सादा रोटी को और अधिक पोषित और स्वाददिष्टं बनाने की बात करते हैं। रोटी के ये स्वस्थ विकल्प, उपयुक्त मात्रा में बतौर संतुलित देसी आहार प्रयोग किये जा सकते हैं।

बच्चों का खाने के बारे में मीन-मेख निकालना अथवा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे बच्चों में कब्ज आदि रोगों का हमें सामना करना पड़ता है। विभिन्ने प्रकार के भरावन से युक्तत रोटियां बच्चोंज के लंच बॉक्स का हिस्सा बन सकती हैं। ये रोटियां छोटे बच्चों के भोजन को रेशे के साथ आवश्यक विटामिन व खनिज प्रदान करती हैं।

वेज ग्रेवीज़ के साथ गेहूं की चपाती तो वहीं नॉन वेज के साथ रुमाली, नान या फर्मेंटेशन की गई खमीरी रोटी पसंद की जाती हैं।

गेहूं

इससे रोटियां तो हर घर में बनाई जाती हैं। आपने गौर किया होगा कि दो-तीन दिन अगर बाहर खाना खाया जाए तो अपने आप मन घर की बनी गेहूं की रोटी का करने लगता है। इससे बने आटे में फोलिक एसिड, विटमिन ई, विटमिन बी-6 और बी- कॉम्प्लेक्स जैसे विटमिन और मैग्नीशियम, मैग्नीज़, जिंक जैसे कई मिनरल्स शामिल होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं। हां, जिन्हें ग्लूटन से एलर्जी है, केवल ऐसे मरीज़ों को ही गेहूं की रोटी की मनाही होती है।

बेसन

बेसन यानी चने का आटा भी आमतौर पर सभी घरों में पाया जाता है। कई तरह से इस्तेमाल होने वाला बेसन निश्चित रूप से खाने का स्वाद बढ़ाता है। आयरन, पाटैशियम, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस, फोलेट, विटमिन बी-6 की प्रचुर मात्रा के साथ बेसन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। यह एनीमिया और कई अन्य बीमारियों से भी बचाता है। यह त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। इससे कई तरह के उबटन भी तैयार किए जाते हैं।

बाजरा

बाजरे के आटे में प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह विटमिन ई, बी कॉम्प्लेक्स, नायसिन, थायमिन और रिबोफ्लेविन का भी बहुत अच्छा स्रोत है। बाजरा दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है और कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में भी सहायक है।

कुट्टू

आमतौर पर कुट्टू का आटा व्रत में ही खाया जाता है। विटमिन बी से भरपूर यह आटा बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है। डायबिटिक लोगों के लिए भी यह अच्छा खाद्य है क्योंकि इसमें मौज़ूद फाइबर शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह ग्लूटन-फ्री होता है। इसमें मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है, जो शरीर की नसों को आराम देता है और रक्त प्रवाह को सुधारने और पोषक तत्वों के बेहतर संचार में मदद करता है। साथ ही यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है।

सोयाबीन

सोयाबीन का आटा स्वास्थ्यकर होता है। इसमें प्रोटीन, थायमिन, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम और डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह मेनोपॉज के दुष्प्रभावों से निपटने में बहुत कारगर है, साथ ही कई बीमारियों से भी बचाता है। हालांकि प्रोटीन की अधिक मात्रा के कारण यूरिक एसिड की अधिकता और थायरॉयड की समस्या में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

मल्टीग्रेन

आजकल बाज़ार में मल्टीग्रेन आटे की ढेरों वरायटीज़ मौज़ूद हैं। यह प्रोटीन युक्त है और मांसपेशियों को भी मज़बूत बनाता है। इसमें फाइबर होने के कारण यह कब्ज़ और पेट के लिए बेहतर है। कम कार्बोहाइड्रेट होने की वजह से यह वज़न नियंत्रित रखने में भी सहायक होता है। मल्टीग्रेन आटे को डायलिसिस वाले मरीज़, डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी से पीडि़त लोगों के लिए भी अच्छा रहता है। डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।

रागी

रागी में कैल्शियम, आयरन, नायसिन, थायमिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह बार-बार भूख लगने की परेशानी को दूर करते हैं, जिससे वज़न कम करने में भी मदद मिलती है। यह मांसपेशियों, ऊतकों, अस्थियों और त्वचा की मरम्म।

बाजरे की रोटी है सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद

आजकल अपने डायट और फिटनेस को लेकर सतर्क रहनेवाले लोग अपना वजन कम करने के लिए ओट्स या ब्राउन राइस जैसी लो कैलोरी वाली खाने की चीजों का सेवन करते हैं। हालांकि बाजरे की रोटी को एनर्जी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है और इसे खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है।

अगर आप अपने बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं तो बाजरे की रोटी खाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि बाजरे की रोटी में 97 कैलोरी होती है लेकिन इसे खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

कैलोरी से जाने कौन सी रोटी है आपके लिए बेहतर

अगर रोटियों की बात की जाए तो ज्वार की एक रोटी में करीब 30।4 कैलोरी होती है जबकि गेंहू की एक रोटी में 57।2 कैलोरी पाई जाती है। जबकि बाजरे की रोटी में 97 कैलोरी होती है।

आपको बता दें कि ज्वार की रोटी में सबसे कम कैलोरी होती है और मक्के की रोटी में सबसे ज्यादा कैलोरी होती है। लेकिन वजन कम करने की फिराक में अगर आप उचित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट नहीं ले रहे हैं तो इससे आपके शरीर में विटामिन और कई पोषक तत्वों की कमी होने लगती है।

हरी रोटियों को अपनाएं – क्यूं न हरे के प्रेम को हमारी मूल रोटी तक बढाएँ। साग, हरी पत्तेदार सब्जियों को देश में विभिन्न प्रादेशिक पाक-शैलियों में अभिन्नं स्थातन प्राप्तह है। दाल सब्जी् संयोजन अथवा खिचड़ी एवं स्ट्यूप सामान्य तौर पर तैयार किया जाता है। खाने मे अनिवार्य-रोटी में इन पत्तेदार आश्चर्यो (wonders) को जोड़ने की खोज बेहद कम की गई है। पत्तेदार सब्जियाँ जैसे अमरनाथ पत्तियाँ (चौलाई का साग), मेथी, पालक, हरा धनिया, पुदीना, हरा प्याज, साबुत गेहूं के आटे में गूँथते हुए मिलाए जा सकते है इसे हरी रोटियों में परिवर्तित किया जा सकता है। बारीक कटी अथवा इन्हेंू पीसकर गुदे से आटा गुना जा सकता है और पोषक रोटियों को भोजन का अंग बनाया जा सकता है। यह रोटियां पोषक तत्वों जैसे आयरन (लौह), विटामिन सी, बीटा कैरोटीन (शाकाहारी स्रोतो मे विटामिन ए के रूप में) पोटाशियम व बहुत से अन्य महत्वपूर्ण खनिजों से भरपूर होंगी। मेथी व पालक को पोषण की दृष्ि)से से चार्ट में सर्वोपरि स्था न दिया जाता है जब हम हरी सब्जियों की बात करते हैं तो बहुत सी ऐसी हरी सब्जि यां है जिन्हे अब तक समुचित श्रेय नहीं दिया गया। राष्ट्रीय अनुसंधान बताते है कि अमरनाथ पत्तियाँ कोलेस्ट्राल स्तर को कम करती है एनीमिया यानी खून की कमी को दूर करती है पेचि‍श को रोकने में सहायक है व कैंसर जैसी बीमारियों से बचाती है इसलिये मैंने अपनी सूची की शुरूआत में ही ‘चौलाई के साग’ को पोषित रोटियों की श्रेणी में शमिल किया है।

मिश्रित आटा रोटियाँ/मल्टीुग्रेन रोटियाँ

प्रतिदिन की रोटी लिये मल्टीुग्रेन (Multigrain) आटा घर पर तैयार किया जा सकता है विभिन्न आटों जैसे जौ का आटा, बाजरा, रागी, काला चना आटा, मकई आटा, सोया को सामान्यतया इस्तेमाल किए जाने वाले गेहूं के आटे में मिलाने से लौह, कैल्शियम, फास्फोरस सम्पन्न चमत्कारी भोजन के रूप में बदला जा सकता है। बाजरा कैल्शियम व लौह से भरपूर है व हड्डियों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। रागी मे रेशे व लौह प्रचुरता से पाया जाता है और शिशु भी इसे सरलता से पचा सकते है। इन आटों को विकल्प के तौर पर रोटी मे मिलाने से यह हड्डियों के स्वास्थ्य, स्वस्थ दाँतों के लिये लाभदायक होंगे और खून की कमी को दूर करेंगे।

बीज की रोटियाँ (SEEDY)

भुने हुए/अलसी के बीजों को गेहूँ के आटे की रोटियों मे मिलाने से आटे में रेशा (Fibre), आक्सीकरण रोधी, व ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा से भरपूर बनाता है। जो एक अदभुत विकल्प बन सकता है। ओमेगा 3 एसिड हमे दिल की बीमारी, आर्थटाइटिस, अस्थमा, मधुमेह व कैंसर से बचाता है। अलसी के बीच घुलनशील व अघुलनशील रेशो (Fibre) का उन्नत स्रोत है जो कोलेस्ट्रोल स्तर कम करता है, रक्त शर्करा को स्थिर रखता है व पाचन मे सहायक है। अलसी बीज मे फिटोकैमीकल्स, लिग्नैन्सो प्रचुरता मे है ये तत्व प्रजनन में सहायक है, रजोनिवृति सम्बंधी खतरों को कम करते है, स्तन कैंसर व मधुमेह से बचाते है।

काले तिल व सेफद तिल भी रोटी को कैल्शियम से भरपूर बनाते हैं। सफेद ति‍ल से कैल्शिृ‍यम और काले तिल से लौह तत्वभ प्राप्ते होगा। इन्हेंस रोटी में मिलाया जा सकता है। तरबूज के बीजों का चूरा (Powder) कदाचित रोटी के आटे को बेहतरीन स्वाद प्रदान करेगा।

औषधीय मसालेदार रोटी

भारतीय मसालों मे औषधीय गुण है जैसे जख्म उपचारात्मक, खांसी व सर्दी से बचाव, पाचन मे सहायक, दिल की बीमारी से बचाव। ये मसाले है हल्दी (पिसी हुई) काली मिर्च, जीरा, सौफ, अजवाइन, सूखी कसूरी मेथी। सादा रोटी की तुलना मे इन्हे साथ मिलाने से आपको स्वादिष्ट, सुगधित व मसालेदार (तीखा नहीं) रोटी बनाने मे सहायता मिलेगी

पूर्ण रोटी

कोई भी भोजन कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन की संतुलित मात्रा के पूर्ण नहीं है। पोषक रोटी के जरईएि प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट दोनों की प्राप्ति होगी। इस प्रकार रोटी एक क्विक फिक्स मील (अथवा तुंरत तैयार किया जाने वाला पूर्ण भोजन के रूप में उपलब्ध‍ होगी)। प्रोटीन सम्पन्न खाद्य जैसे कच्चा पनीर (cottage cheese), टोफू (सोया पनीर), पकी हुई मूँग दाल, मसूर दाल, तूर दाल, रोटियों को प्रोटीन से भरपूर बनाएगी।

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