काली मिर्च क्या है? –

जगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। यहां बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है। वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है।

चलिए, अब काली मिर्च के औषधीय गुण के बारे में जानते हैं।

काली मिर्च के औषधीय गुण

काली मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे कई रोगों को दूर रखा जा सकता है। साथ ही कई रोगों के इलाज में मदद मिल सकती है। इसमें मुख्य रूप से एंटी-फ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं। ये सभी गुण विभिन्न समस्याओं के इलाज में मदद कर सकते हैं । इसके अलावा भी काली मिर्च के कई औषधीय गुण व फायदे हैं, जिनके बारे में आप नीचे विस्तार से जानेंगे।

काली मिर्च के फायदे –

काली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान के संबंध में कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं।

1. पाचन के लिए

आहार में काली मिर्च का उपयोग करने से पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिल सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरिन अग्न्याशय यानी पेट के पाचन एंजाइमों को उत्तेजित कर पाचन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है । वहीं, अन्य शोध से पता चलता है कि काली मिर्च से पैंक्रियाटिक लाइपेज, काइमोट्रिप्सिन और एमिलेज की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। इन सभी को डाइजेस्टिव एंजाइम के रूप में जाना जाता है। इनसे पूरी पाचन प्रक्रिया बेहतर तरीके से काम कर सकती है।

2. सर्दी-खांसी से राहत

काली मिर्च के औषधि गुण का असर सर्दी-खांसी पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है। इसके इस्तेमाल से समस्या का निदान हो सकता है। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, काली मिर्च सर्दी-खांसी के लिए फोक मेडिसीन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इसमें पाइपरिन नामक कंपाउंड होता है, जो सर्दी-खांसी की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। साथ ही यह गले में खराश की समस्या का भी समाधान करने का काम कर सकता है । इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि काली मिर्च खाने के फायदे सर्दी-खांसी से राहत के लिए हो सकते हैं।

3. कैंसर से बचाव

कैंसर जैसी घातक समस्या से बचने में काली मिर्च मदद कर सकती है। इस बात को लेकर कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि काली मिर्च में एंटी-कैंसर गतिविधि पाई जाती है। इस गुण के कारण काली मिर्च शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकती है। इसके अलावा, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन की वजह से इसे कीमो थेरेपी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पाइपरिन कैंसर सेल्स को बढ़ाने से रोकने का काम कर सकता है। लिहाजा, माना जा सकता है कि काली मिर्ची के फायदे कैंसर से बचने के लिए हो सकते हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि अगर किसी को कैंसर है, तो उसे सिर्फ डॉक्टरी इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। काली मिर्च सिर्फ कैंसर से बचे रहने में मदद कर सकती है। इसे कैंसर का इलाज न समझें।

4. मौखिक स्वास्थ्य के लिए

काली मिर्च का सेवन करने से इसका असर मुंह के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक शोध से यह पता चलता है कि इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है और मुंह के हाइजिन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मसूड़े की सूजन को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही काली मिर्च में पाए जाने वाले पाइपरिन में दांतों की समस्या का कारण बनने वाले ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF-α) को कम करने का प्रभाव होता है। इसके अलावा, अगर किसी कि दांतों में दर्द है, तो लौंग के तेल में काली मिर्च पाउडर मिलाकर दांतों की मालिश करने से राहत मिल सकती है। फिलहाल, इस संबंध में कोई शोध उपलब्ध नहीं है।

5. वजन कम करने में सहायक

काली मिर्च खाने के फायदे वजन कम करने के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के दौरान कुछ हफ्तों तक काली मिर्च युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन किया गया। इससे भूख में किसी तरह का बदलाव हुए बिना शरीर में फैट और लिपिड का स्तर कम मापा गया। इससे शरीर का वजन कुछ कम हो सकता है। यह सब काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन और एंटीओबेसिटी प्रभाव की वजह से ही संभव हो पाता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि काली मिर्च के औषधीय गुण के कारण वजन कम हो सकता है।

6. आंत स्वास्थ्य के लिए

पेट व आंतों से जुड़ी समस्याओं के लिए भी काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। इससे संबंधित एक वैज्ञानिक शोध में आंत में मौजूद फेकल बैक्टीरिया के खिलाफ कई जड़ी बूटियों के प्रीबायोटिक प्रभाव पाए गए। इससे पेट व आंतों में समस्या उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है। इन जड़ी-बूटियों में काली मिर्च भी शामिल है। इसके अलावा, यह पाचन और गैस्ट्रिक की समस्या से भी छुटकारा दिला सकती है, जिनका गलत असर आंत पर पड़ता है। इसलिए, आंत की समस्या से छुटकारा दिलाने में काली मिर्च के गुण सहायक हो सकते हैं।

7. भूख बढ़ाने के लिए

जिन लोगों को भूख न लगने की समस्या है, उनके लिए काली मिर्च पाउडर फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल, काली मिर्च में एल्कलॉइड, ओलेरोसिन और ऑयल जैसे कुछ कंपाउंड पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में भूख बढ़ाने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जाता है। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।

8. कोलेस्ट्रॉल के लिए

शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर कई समस्याओं के पनपने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो काली मिर्च में पाइपरिन होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। यह तत्व कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्टर प्रोटिंस को भी दबाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रह सकता है। यह जानकरी एनसीबीआई वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने के लिए काली मिर्ची के फायदे हो सकते हैं।

9. डायबिटीज और ब्लड शुगर के लिए

काली मिर्च खाने के फायदे मधुमेह और ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर सकते हैं। इससे डायबिटीज के इलाज में मदद मिल सकती है । एक अन्य शोध के अनुसार, सीमित मात्रा में पाइपरिन लेने से शरीर में एंटीहाइपरग्लिसेमिक प्रभाव नजर आ सकता है। वहीं, अधिक मात्रा में लेने पर ब्लड ग्लूकोज की मात्रा बढ़ सकती है ।

10. जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए

काली मिर्च के गुण जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। कई बार जोड़ों में दर्द और गठिया का मुख्य कारण सूजन हो सकता है, जिसे छुटकारा दिलाने में काली मिर्च मदद कर सकती है। दरअसल, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस प्रभाव पाए जाता है, जो सूजन से छुटकारा दिलाकर गठिया की स्थिति में राहत पहुंचा सकता है।

11. इंफेक्शन से बचने के लिए

शरीर या त्वचा में इंफेक्शन फैलने का मुख्य कारण बैक्टीरिया होता है। ऐसे में इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बैक्टीरिया से छुटकारा पाना जरूरी है। इसके लिए, काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो ई. कोलाई और स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे कई बैक्टीरिया को दूर रखने का काम कर सकता है।

12. एंटीऑक्सीडेंट

शरीर में फ्री रेडिकल्स (मुक्त कणों) का निर्माण मेम्ब्रेन द्वारा लिपिड के ऑक्सीकरण के कारण होता है। इन फ्री रेडिकल्स के कारण कई बीमारियां हो सकती है। ऐसे में ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए काली मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि मदद कर सकती है। इससे फ्री रेडिकल्स की समस्या को दूर रखा जा सकता है और गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।

13. मस्तिष्क के लिए

काली मिर्च के फायदे मस्तिष्क के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च में मेथनॉलिक अर्क और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो अल्जाइमर जैसे मानसिक रोग से राहत पहुंचा कर याददाश्त को बढाने का काम कर सकते हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या से निजात दिला सकते हैं, जो मस्तिष्क के लिए अच्छा हो सकते हैं ।

14. धूम्रपान छोड़ने में मदद करे

जो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए काली मिर्च का उपयोग मददगार साबित हो सकता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि काली मिर्च पाउडर की भाप लेने से धूम्रपान की तलब को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा सकता है। इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

15. त्वचा के लिए

काली मिर्च के फायदे त्वचा के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च के उपयोग से बने तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा की जलन को काम कर सकते हैं। वहीं, यह तेल कुछ लोगों की त्वचा पर जलन का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह एंटी-एजिंग की तरह काम कर सकता है, मुंहासे कम कर सकता है और विटिलिगो, झुर्रियों वच काले धब्बे को कम करने का काम कर सकता है 

बने रहें हमारे साथ

इस लेख के अगले भाग में हम काली मिर्च के पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।

काली मिर्च के पौष्टिक तत्व –

इसमें कोई दो राय नहीं है कि काली मिर्च गुणों का खजाना है। यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि इसके पौष्टिक मूल्य क्या हैं। नीचे हम 100 ग्राम काली मिर्च के पौष्टिक मूल्य बता रहे हैं।

काली मिर्च का उपयोग –

काली मिर्च का सेवन कई तरह से कर सकते हैं, जो इस प्रकार है:

  • काली मिर्च को सब्जी तैयार करते समय इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • काली मिर्च को सॉस बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • फास्ट फूड को तीखा बनाने के लिए ऊपर से छिड़का जा सकता है।
  • काली मिर्च की चाय बनाकर पी जा सकती है।
  • काली मिर्च पाउडर और शहद को मिलकर चाटा जा सकता है।

काली मिर्च की चाय बनाने की विधि

काली मिर्च की चाय के फायदे कई हो सकते हैं। अगर किसी को काली मिर्च की चाय बनानी नहीं आती है, तो वे इस लेख के मदद से काली मिर्च की चाय बनाना सीख सकते है।

सामग्री :

  • एक चम्मच ताजा पिसी हुई काली मिर्च
  • एक गिलास पानी
  • दो चम्मच शहद
  • एक चम्मच नींबू का रस
  • एक चम्मच ताजा कटा अदरक

बनाने की विधि:

  • सबसे पहले पानी को उबाल लें।
  • उसके बाद सभी सामग्रियों को उबलते हुए पानी में डालें।
  • फिर कुछ सेकंड बाद गैस बंद कर दें और कुछ देर के लिए पतीले को गैस पर ही रहने दें।
  • अब चाय को छानकर पी लें।
  • इस चाय को हमेशा हल्का गर्म ही पिए।

काली मिर्च का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका

चयन : बाजार में काली मिर्च साबुत और पिसी हुई दोनों ही रूप में मिल जाएगी। ऐसे में कोशिश करें कि साबुत काली मिर्च खरीदें, क्योंकि यह मिलावट रहित होती है। जब भी काली मिर्च खरीदें, तो ध्यान दें कि यह छोटी, भारी और साफ-सुथरी हो।

स्टोरेज : काली मिर्च को शीशे के जार में अच्छी तरह बंद करके रखें, ताकि उसमें हवा न जाए। इसके अलावा, काली मिर्च को फ्रीज करके भी लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

आप काली मिर्च खाने के फायदे तो ऊपर जान ही लिए, अब काली मिर्च के नुकसान के बारे में जानेंगे।

काली मिर्च के नुकसान –

काली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। नीचे हम इन्हीं काली मिर्च के नुकसान के बारे में बता रहे हैं :

  • काली मिर्च का अधिक सेवन करने से पेट में जलन हो सकती है।
  • काली मिर्च को आंखों के संपर्क में न आने दें। इससे आंखों में जलन हो सकती है।
  • इससे गर्भवती महिलाओं को जलन हो सकती है।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इससे एलर्जी हो सकती है।

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