America ने चीन-पाकिस्तान को दिया झटका, धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघनकर्ता की सूची में रखा

वॉशिंगटन:  जो बाइडन (Joe Biden) प्रशासन ने चीन, पाकिस्तान समेत 10 अन्य को 2022 में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में रखा है. ये देश धार्मिक स्वतंत्रता का न सिर्फ दमन कर रहे हैं, बल्कि ऐसे मामलों पर रोक के लिए भी कतई गंभीर नहीं हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने एक बयान में कहा, ‘आज मैं 1998 के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत बर्मा, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, क्यूबा, ​​​​इरिट्रिया, ईरान, निकारागुआ, डीपीआरके, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को विशेष चिंता वाले देशों की कड़ी में गंभीर उल्लंघनकर्ताओं के रूप में घोषणा कर रहा हूं. इसके साथ ही मैं अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को भी धार्मिक स्वतंत्रता (Religious Freedom) के गंभीर उल्लंघनों में शामिल होने या उसे नजरअंदाज करने के लिए विशेष निगरानी सूची में डाल रहा हूं.’

तालिबान और रूसी अर्धसैनिक बल पर भी गाज
संयुक्त राज्य अमेरिका ने तालिबान सहित नौ समूहों और रूसी अर्धसैनिक संगठन वैगनर समूह को विशेष चिंता वाली संस्थाओं के रूप में भी नामित किया है. एंटनी ब्लिंकन ने आगे कहा, ‘मैं मध्य अफ्रीकी गणराज्य में अल-शबाब, बोको हराम, हयात तहरीर अल-शाम, हूथी, आईएसआईएस-ग्रेटर सहारा, आईएसआईएस-वेस्ट अफ्रीका, जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमिन, तालिबान और वैग्नर ग्रुप को विशेष चिंता की संस्थाओं के रूप में नामित कर रहा हूं.’ ब्लिंकन ने कहा कि यहां की सरकारें और गैर-राज्य तत्व अपने धार्मिक विश्वासों के आधार पर न सिर्फ लोगों पर ज्यादितियां कर रहे हैं,बल्कि कई मामलों में उन्हें मार भी डालते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘कुछ मामलों में वे राजनीतिक लाभ के लिए लोगों के धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता का गला घोंटते हैं. इनके या कुत्सित काम न सिर्फ विभाजनकारी हैं, बल्कि राजनीतिक स्थिरता और शांति के लिए गंभीर खतरा भी पैदा करते हैं.’

 

अमेरिका धार्मिक उत्पीड़न या भेदभाव के खिलाफ
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इनके नामों की घोषणा राष्ट्रीय सुरक्षा का बचाव करते हुए दुनिया भर में मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी मूल्यों और हितों को ध्यान में रखते हुए की गई है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया भर के हर देश में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता की स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करना जारी रखेगा और धार्मिक उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करने वालों की वकालत करेगा. उन्होंने कहा, ‘हम नियमित रूप से धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता को सीमाओं में बांधने पर संबंधित देशों को अपनी चिंताओं से अवगत कराते रहते हैं. भले ही वे देश धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में शामिल न भी हों.’

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