देश में आधार की तरह हर नागरिका का बनेगा हेल्थ कॉर्ड

अब देश के नागरिकों का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटल होगा। केंद्र सरकार ने हेल्थ रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक यह सारी कवायद राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकरण (एनएचए) के जरिये अमल में लाए जा रहे नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (एनडीएचएम) के ढांचे के तहत की जा रही है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के ज़रिए भारत के तमाम नागरिकों के हेल्थ रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने की कोशिश जुटी है। 500 करोड़ के बजट वाले इस मिशन को पायलट प्रोजेक्ट के तौर इसी महीने शुरू किया जाएगा। कोशिश है कि इलाज में होने वाली लापरवाही की भी निगरानी इसके ज़रिए मुमकिन हो पाए। 

बताया जा रहा है कि आधार कार्ड के तर्ज़ पर नागरिकों के हेल्थ कार्ड को भी डिजिटाइज किया जाएगा। राज्यवार तरीके से इसकी शुरुआत इसी महीने की जाएगी। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी इंदु भूषण ने कहा, ‘योजना लागू होने से हेल्थ सेवाओं की क्षमता, पारदर्शिता बढ़ेगी। इस योजना से भारत संयुक्त राष्ट्र वैश्विक हेल्थ कवरेज के लक्ष्य को भी हासिल करने की दिशा में तेजी से बढ़ेगा।’हेल्थ आईडी देश के सभी राज्यों, अस्पतालों, जांच केंद्र और फार्मेसी में लागू होगी।

इस डिजीटल आईडी में ही मरीज का ब्लड ग्रुप, हेल्थ हिस्ट्री, मरीज कौन सी दवाइयां ले रहा है, उसे किस चीज से एलर्जी है समेत अन्‍य सभी जानकारियां होगी। इस मिशन में डॉक्टर, हेल्थ फैसिलिटी, जैसे हॉस्पिटल, क्लीनिक लैब के लिए प्लेटफॉर्म भी होंगे। यानी कि मरीजों के लिए इलाज के लिए इधर-उधर भगकना नहीं पड़ेगा। वहीं मरीज के आईडी नंबर से ही उससे संबंधित सभी जानकारी डाक्‍टर को एक क्लिक में मिल जाएगी। ऐसे में इमरजेंसी होने पर डाक्‍टर को मरीज की हिस्‍ट्री जानने में ज्यादा समय नहीं गंवाना पड़ेगा और तुंरत मरीज का इलाज शुरु हो सकेगा।

 हेल्थ कार्ड की खासियत….

– ट्रीटमेंट, टेस्ट और उन डॉक्टर्स की जानकारी होगी, जिनसे उपचार करायावा गया है।

– अस्पताल और नागरिकों पर निर्भर करेगा कि वो इससे जुड़ना चाहते हैं या नहीं।

– हर नागरिक का एक अलग UID होगा।

– लोगों की व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहे, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा।

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की सीईओ इंदु भूषण का कहना है कि कार्ड उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि नंबर है। ये नंबर पोर्टेबल रहेगा। नंबर के अलावा हम ये सुविधा भी देंगे कि इससे लिंक करके आप एक आसान सा खुद का आईडी बना लें। इस कार्ड का नंबर  14 डीजिट का होगा। इसे याद रखने की जरूरत नहीं होगी। बस आई याद रखना काफी होगा। यह कार्ड धारक के  लैब के रेकॉर्ड्स, ट्रीटमेंट, प्रेस्क्रिप्शन सब रिकॉर्ड में रहेगा। बताया जा रहा है कि सबसे पहले इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत उन राज्यों से होगी जिनकी इसमें ज्यादा दिलचस्पी होगी। साथ ही, जहां की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हालत में हैं। आधार कार्ड के अलावा इसको आयुष्मान भारत स्कीम के कार्ड से जोड़ने की भी तैयारी है।

 

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