दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने राजधानी के लिए आज इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Electric Vehicle Policy) का शुभारंभ किया। इस नई नीति का उद्देश्य प्रदूषण के स्तर को कम करना और शहर में रोजगार उत्पन्न करना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की।
Launching Electric Vehicle Policy, which aims to reduce pollution levels and generate employment in the city Press conference | LIVE https://t.co/2pnr1wbMhj
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 7, 2020
इस अवसर पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 2-3 साल कड़ी मेहनत करके सभी लोगों से चर्चा करके दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी तैयार की है। आज सुबह इस पॉलिस को नोटिफाई कर दिया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू करने के लिए एक ‘ईवी सेल’ स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये पॉलिसी ऐसी है कि मैं उम्मीद करता हूं कि आज से 5 साल बाद अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल की चर्चा की जाएगी तो दिल्ली का नाम सबसे ऊपर रखा जाएगा। इस पॉलिस के जरिये हमारा उद्देश्य दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और राजधानी में प्रदूषण के स्तर को कम करना है।
केजरीवाल ने ऐलान किया कि दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को आर्थिक मदद देगी। इसके लिए 2 व्हीलर पर ₹30,000, कारों पर 1.5 लाख, ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा पर 30,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की उपस्थिति में FSSAI और CSIR के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। pic.twitter.com/yWd6vw399k
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 7, 2020
इलेक्ट्रिक वाहन नीति का उद्देश्य
● 2024 तक 25% ई-वाहन करने का लक्ष्य
● दो पहिया वाहनों पर 30,000 रुपये तक की सब्सिडी
● कारों पर 1.5 लाख तक की सब्सिडी
● ऑटो-रिक्शा पर 30,000 रुपये तक की सब्सिडी
● मालवाहक वाहनों पर 30,000 रुपये तक की सब्सिडी
● ई-रिक्शा पर 30,000 तक की सब्सिडी
● ई-वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में छूट
● 200 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन
● स्क्रैपिंग प्रोत्साहन
● ई-वाहनों की खरीद पर कम ब्याज ऋण
● ई-बसें
● दिल्ली सरकार ने एक वर्ष के भीतर 35,000 ई-वाहनों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है।
अगर FSSAI और फूड टेक्नोलॉजी से संबंधित लैबोरेट्री CSIR की डोमेन में काम करेंगी तो इस MoU का सबसे ज्यादा फायदा मिल सकता है। दोनों संस्थाएं 'विज़न 2050' पर कार्य करें और 2022 के लिए भी युवाओं और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित लक्ष्य निर्धारित करें :केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन https://t.co/tgxAhKFgac
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 7, 2020
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