उत्तर कोरिया पर जापान ने कसी नकेल

टोक्यो: जापान सरकार ने उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के मद्देनजर कदम उठाते हुए शुक्रवार (15 दिसंबर) को उत्तर कोरिया पर नए एकतरफा प्रतिबंध लगाए हैं. इन नए प्रतिबंधों में प्योंगयांग की कंपनियों की संपत्तियां फ्रीज करना भी शामिल है. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, जापान द्वारा उत्तर कोरिया पर की गई दंडात्मक कार्यवाहियों की लंबी सूची से इतर ये नए प्रतिबंध लगाए गए हैं. जापान पहले ही उत्तर कोरिया की विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों और किम जोंग उन शासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है. इसके साथ ही दोनों देशों के नागरिकों के एक-दूसरे के देशों में आवाजाही पर भी रोक है.

जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने कहा कि सरकार ने उत्तर कोरिया की 19 और कंपनियों की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है. इसमें वित्तीय सेवाओं की कंपनियां, कोयला और तेल व्यापारी, जहाज और विदेशों में कामगारों की सप्लाई करने वाली कंपनियां शामिल हैं. जापान सरकार के इस नए ऐलान से उत्तर कोरिया की जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनकी संख्या बढ़कर 56 हो गई है. इसके साथ ही 62 लोगों को भी ब्लैक लिस्ट किया गया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इनमें से कई लोगों और इकाइयों पर प्रतिबंध लगाए हैं. सुगा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ये नए प्रतिबंध शुक्रवार से प्रभावी हो गए हैं और यह उत्तर कोरिया की भड़कावे वाली गतिविधियों के कारण लगाए गए हैं.

इससे पहले बीते 13 दिसंबर को उत्तर कोरिया को दुनिया का सबसे मजबूत परमाणु शक्ति वाला देश बनाने की किम जोंग-उन की घोषणा के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा है कि अमेरिका परमाणु नि:शस्त्रीकरण मुद्दे पर बिना पूर्व शर्त के उत्तर कोरिया के साथ वार्ता शुरू करने को तैयार है. अमेरिका ने उत्तर कोरिया को यह पेशकश ऐसे समय की है जब उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने वाले कई प्रतिबंध उत्तर कोरिया पर लगे हुए हैं और दो सप्ताह पहले ही इस देश ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टक मिसाइल का परीक्षण किया है.

इस पेशकश से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि टिलरसन के पहले वाले रुख में अंतर आया है क्योंकि टिलरसन ने एक बार कहा था कि अमेरिका उत्तर कोरिया के साथ कोई मोल-तोल नहीं करेगा और वार्ता तभी संभव है जब किम-जोंग उन सरकार परमाणु नि:शस्त्रीकरण के लिए तैयार हो. टिलरसन ने कहा, ‘ हमने इसे कूटनीतिक तौर पर कहा है कि अगर उत्तर कोरिया बातचीत को तैयार होता है तो हम कभी भी बातचीत को तैयार हैं. हम पहली वार्ता बिना किसी पूर्व शर्त के करने को तैयार हैं.’

टिलरसन अटलांटिक काउंसिल कोरिया फाउंडेशन फोरम की ओर से आयोजित ‘मीटिंग द फॉरेन पॉलिसी चैलेंजेज ऑफ 2017 एंड बियॉन्ड’ कार्यक्रम में बोल रहे थे. यह पेशकश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी से ठीक उलट है. राष्ट्रपति ने कहा था कि बातचीत विफल हो चुकी है और टिलरसन अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. टिलरसन ने कहा है कि उत्तर कोरिया से यह मांग करना कि वह बातचीत शुरू करने से पहले अपने हथियार छोड़ दे, यह मांग व्यवहार्य नहीं है.

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