‘अज्जू भाई’ से ‘अजीज अली’ बनने तक का सफर-राकेश ओमप्रकाश मेहरा की जोड़ी ने एक बार फिर स्क्रीन पर कमाल

‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी सुपरहिट फिल्म के बाद फरहान अख्तर और राकेश ओमप्रकाश मेहरा की जोड़ी ने एक बार फिर स्क्रीन पर कमाल किया है। उन्होंने एक बार फिर अपना जादू बिखेरा है और दर्शकों को प्रभावित करने में कामयाब रहे हैं।

वैसे तो हिंदी सिनेमा में बॉक्सिंग पर कई फिल्में बनी हैं। किसी ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की तो कोई मुंह के बल गिरी। इनमें मिथुन चक्रवर्ती की ‘बॉक्सर’, प्रियंका चोपड़ा की ‘मैरी कॉम’ और ‘साला खड़ूस’ व ‘मुक्काबाज’ जैसी मूवीज शामिल हैं, लेकिन ‘तूफान’ की बात करें तो ‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी सुपरहिट फिल्म के बाद फरहान अख्तर और राकेश ओमप्रकाश मेहरा की जोड़ी ने एक बार फिर स्क्रीन पर कमाल किया है। उन्होंने दोबारा अपना जादू बिखेरा है और दर्शकों को प्रभावित करने में कामयाब रहे हैं। आइये जानते हैं अज्जू भाई के अजीज अली बनने तक के सफर के बारे में…

सबसे पहले बात करते हैं फिल्म की कहानी की, जो अजीज अली (फरहान अख्तर) की जिंदगी पर आधारित है। मुंबई के डोंगरी इलाके में वो एक अनाथ बच्चे के रूप में जी रहा होता है। भाईगिरी, वसूली और तोड़फोड़ करना और गुंडागर्दी उसकी दिनचर्या में शामिल होता है, लेकिन एक दिन ऐसा आता है, जब उसे समझ आता है कि रिंग जाकर ये काम करने से ही इज्जत मिलती है। वो जमकर मेहनत करता है और किसी तरह से मुंबई के बेस्ट बॉक्सिंग कोच नाना (परेश रावल) के पास पहुंच जाता है। नाना अजीज की प्रतिभा को परख लेते हैं और उसे निखारकर स्टेट लेवल चैंपियन बनने तक का सफर तय कराते हैं। इसी जगह पर उसे अपना प्यार डॉ. अनाया प्रभु (मृणाल ठाकुर) मिलता है और यहीं से शुरू होता है कहानी का असली ट्विस्ट।

डायरेक्शन की बात करें तो राकेश ओमप्रकाश मेहरा एक बार फिर छा गए हैं। उन्होंने अजीज की कहानी दिखाई। रिंग पर उसकी मेहनत और प्यार की अहमियत को दिखाया, लेकिन दोनों के बीच में बैलेंस बनाया। कहीं भी कोई किसी पर हावी नहीं होता है। रिश्तों के मूल्यों पर पारंपरिक अंदाज में अपनी बात रखी है, लेकिन कहानी को आज के जमाने का टच भी दिया है। साथ ही ये फिल्म हिंदू-मुस्लिम कट्टरपंथियों की सोच पर भी करारा जवाब है।

फरहान ने जमकर बहाया पसीना

जिस तरह से आपने ‘भाग मिल्खा भाग’ में फरहान को किरदार में ढलते देखा था, ठीक वैसे ही उन्होंने ‘तूफान’ में भी किया है। खुद को बॉक्सर की तरह पेश करने के लिए उन्होंने ना सिर्फ बॉक्सिंग की बारीकियां सीखीं, बल्कि बॉडी को भी उसी सांचे में ढाल दिया। मूवी में जब आप उन्हें रिंग पर मुक्के बरसाते देखते हैं तो उनकी चुस्ती-फुर्ती देखकर चौंक जाएंगे। अगर ये कहें कि उन्होंने किरदार में जान डाल दी है तो ये कहना गलत नहीं होगा।

कलाकारों की मेहनत रंग लाई 

एक्टिंग की बात करें तो फरहान की एक्टिंग काबिल-ए-तारीफ है। उन्हें स्क्रीन पर देखकर आप उनकी जगह अजीज को ही पाएंगे। परेश रावल हमेशा की तरह अपने रोल से न्याय करते दिखाई दिए हैं। कोच के रूप में वो फिट बैठे हैं और उनके प्रेरक डायलॉग्स आपको याद रह जाएंगे। मृणाल ठाकुर को इस मूवी में काफी स्क्रीन टाइम मिला है। उन्होंने भी अच्छा काम किया है। संगीत सामान्य है।

अजीज अली का संघर्ष आपको अपने जीवन में चुनौतियों का डटकर सामना करने और उनसे लोहा लेने की हिम्मत जरूर देगा। इस फिल्म को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया है। आप पूरी फैमिली के साथ बैठकर घर पर देख सकते हैं। अगर आप स्पोर्ट्स के शौकीन हैं और फरहान के फैन हैं तो ये मूवी जरूर देखनी चाहिए।

 

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