नई दिल्‍ली: आमने-सामने आए ऑस्ट्रेलिया और चीन के जंगी बेड़े

नई दिल्‍ली: दुनिया को कोरोना वायरस की सौगात देकर विस्‍तारवादी नीति को बढ़ावा देने में लगा चीन पूरी तरह से दुनिया के कई देशों के साथ टकराव के मूड में आ गया है। मिली जानकारी के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोतों ने दोनों देशों के बीच बढ़े हुए कूटनीतिक तनाव के समय विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की नौसेना का सामना किया है।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने पिछले सप्ताह हुई मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तैनाती के दौरान चीनी युद्धपोत के सामने आने के बाद बातचीत की गई, जोकि एक पेशेवर तरीके से आयोजित की गई थी। एबीसी ने पहली बार बताया कि ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोतों ने यात्रा के दौरान चीनी नौसेना का सामना किया था, जिसमें स्प्राटली द्वीपों के करीब यात्रा शामिल थी। हालांकि यह माना जाता था कि ऑस्ट्रेलियाई जहाज प्रतियोगिता द्वीपों के 12 समुद्री मील के भीतर नहीं गए थे।

हाल ही में बीजिंग के क्षेत्रीय दावों को चुनौती देने के लिए अमेरिका की तरफ से इस क्षेत्र में स्वतंत्रता युद्ध अभ्यास का आयोजन किया गया। एक बयान में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि पांच ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत – एचएमएएस कैनबरा, होबार्ट, स्टुअर्ट, अरुण्टा और सीरियस 14-18 जुलाई से दक्षिण चीन सागर को स्वतंत्र रूप से गश्‍त पर थे। वह स्प्रैटली द्वीप समूह के करीब थे और अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य अभ्यास में शामिल होने के लिए रिम्पैक अभ्‍यास में भाग लेने के लिए जा रहे थे।

इसी दौरान ऑस्‍ट्रलियाई नौसेनिकों ने देखा की सामने के एक जंगी जहाज पर नौसेना की वर्दी और लाइफ जैकेट में एक व्यक्ति रॉकेट लांचर के साथ खड़ा है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया सुरक्षित, समृद्ध और लचीलापन अपनाते हुए भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए प्रतिबद्ध है। हम साझा सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए क्षेत्रीय भागीदारों के साथ नियमित रूप से काम करते हैं।”

हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया कि इस विवाद को निपटाने के लिए किस स्‍थान पर चीनी सेना ने ऑस्ट्रेलियाई के साथ बातचीत की, लेकिन रक्षा विभाग ने पिछले सप्ताह विवादित स्प्रैटली द्वीप समूह के पास रवाना हुए युद्धपोतों की पुष्टि की। पिछले साल दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना द्वारा रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना का पीछा किया गया था।

इस हफ्ते अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क ओशो ने संकेत दिया कि अमेरिकी सेना दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के क्षेत्रीय दावों को चुनौती देने के लिए नेविगेशन ऑपरेशन (FONOPS) आयोजन करेगी। उन्‍होंने कहा, “2019 में हमने FONOPS कार्यक्रम के 40 साल के इतिहास में दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन संचालन की सबसे बड़ी स्वतंत्रता का संचालन किया और हम इस वर्ष इसकी गति बनाए रखेंगे।”

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